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मैं तुम्हारे शहर में नया था बूँद बनूँ झर जाऊँ तुम्हारे लिये तुम्हारे होंठ ये क्यों कैसे होता है अधिकार कैसे आज प्रिये तुम्हारे

Hindi शहर तुम्हारे कैसे जाऊँ Poems